मेला

मेला
मैं खुश था कि हम मेले को पीछे छोड़कर आ गए. मैं भीड़ को देखकर डर गया था कि तुम कही बिछड़ ना जाओ. तुम्हारी आखें अभी भी मेले पर ही टिकी थी. जैसे जैसे हम मेले से दूर जाते जा रहे थे. तुम्हारी जुबान पर “मेला” शब्द बार बार आ रहा था. तुमने अपनी कलाई मेरे सामने बढाई और कहा कि यह “खुशबू” मेरे लिए लेकर आओगे. मगर उससे पहले मेरी जुबान से निकल गया कि यह “बदबू” कैसी. तुम उस दिन पहली बार गुस्सा हुई थी. और मैंने आज फिर से तुम्हे मेले में खड़ा पाया, किसी और के साथ वही गलती दोहराते हुए.

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