क्या तुम आगे बढ़ पाए?

मुझे रोमांटिक फिल्मे देखना बहुत पसंद हैं. खासकर पुरानी रोमांटिक फिल्मे. जिनमे अंत में सबकुछ ठीक हो जाता हैं. अगर ठीक ना हो तो शायद वो रोमांटिक फिल्म ना कह लाये. एक ट्रेजेडी कहलाये.

आज मुझे अपनी किताब फिर से रिजेक्ट होने पर अपनी लाइफ थोड़ी सी ट्रेजेडी लग रही हैं. कितना सोचा था उस किताब के बारे में, अगर पब्लिश हो जायेगी तो सबसे पहले अपने उस नाराज़ दोस्त को कॉपी गिफ्ट करूँगा, जिससे हिम्मत कर के भी बात नहीं कर पाता. उससे कहूँगा कि ये सोचता हूँ मैं तुम्हारा बारे में. अब भी ज़िन्दगी भर नाराज़ रहना हैं.

खैर जाने दे. आज खाना खाते वक़्त अपनी फेवरेट फिल्म देख रहा था. अमोल पालेकर और टीना मुनीम (अम्बानी) सितारा बातों बातों में. इस फिल्म में एक छोटा-सा किरदार हैं उदय चन्द्र द्वारा निभाया हुआ हेनरी का. हेनरी बार बार नैंसी (टीना मुनीम के किरदार) से अपने दिल की बात करने की कोशिश करता हैं. और हर बार वो निराश लौटता हैं. कभी नैंसी के बदलते हुए बॉयफ्रेंड उसके सामने आ जाते हैं. कभी उसकी कम पैसे वाली नौकरी की वजह से. और कभी नैंसी की माँ. और जब वो इन सब बाधाओ से पार पा जाता हैं तो वो नैंसी से पार नहीं पा पाता. फिल्म के आखिरी सीन में हेनरी दूर खड़े नैंसी और टोनी (अमोल पालेकर के किरदार) को हमेशा के लिए एक होते हुए देख रहा होता हैं.

मेरा मन उस वक़्त हेनरी से पूछता हैं. क्या कर रहे हो दोस्त. तुम आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे. किसने रोक रखा हैं तुम्हे. ज़िन्दगी अभी रुकी नहीं. और अगले पल हेनरी नैंसी और टोनी के बगल में मुस्कुराह्ते हुए खड़ा होता हैं और पूछता हैं, क्या तुम आगे बढ़ पाए.

अगर फारिख हैं तो फिल्म जरूर देखे.


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