Opinion
इतिहास क्यों पढ़े?
इतिहास क्यों पढ़े? |
अगर आसान शब्दों में कहूँ, जब तक हम अपनी पुरानी गलतियों से सीख नहीं लेते, तब तक हम गलतियाँ करते ही रहते हैं. और कुछ इस तरह, जब तक हम अपनी असल खूबियों पर ध्यान नहीं देते, तब तक हम अपने आने वाले वक़्त में आगे नहीं बढ़ सकते.
समाज भी कुछ हमारी तरह ही होता हैं. वे जब तक अपने अतीत को समझ नहीं लेता. उसे स्वीकार नहीं कर लेता. तब तक वे अराजकता की कड़ी में बंधा रहता हैं और आगे नहीं बढ़ पाता.
इसलिए इतिहास पढ़े.
इतिहास हमें हमारी जाति, धर्मं, कर्म, और बाकी छोटे-मोटे विभाजन से ऊपर उठाकर, हमारे साझा अतीत को समझने में मदद करता हैं.
इतिहास बताता हैं कि ख़ुद के बनाए हुए उन हजारो-लाखो विभाजनकारी सामाजिक नियमो के बावजूद भी, हम लोग किस तरह, बुरे हालातो में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे.
इतिहास हमें सुझाता हैं कि हमारी बेख्याली और लापरवाही के कारण ना लिए गए फ़ैसलों की वजह से, हमे समाज के रूप में कितना कुछ खोना पड़ा हैं. हमे उन कुरीतियों और पुरानी परंपरा का कितना हर्जाना चुकाना पड़ा हैं, जिन्हें हमे समय रहते बदल देना चाहिए था.
इतिहास हमें उन बातों को भी समझने में मदद करता हैं, जिनकी वजह से हम आने वाले भविष्य की चुनौतियों से लड़ सकते हैं.
इतिहास हमें हमारे पड़ोसियों को भी जानने समझने की अक्ल देता हैं. वे बताता हैं कि उन्होंने ऐसे क्या कदम उठाए, जिसकी वजह से, वे जो आज हैं, वे क्यों हैं. और उनसे हम क्या-क्या सिख सकते हैं.
और शायद आख़िर में, इतिहास इसलिए भी पढ़ लेना चाहिए, क्यूंकि इतिहास अपने आप को दोहराता हैं और इसे बिना जाने आप उस चक्र में ही फसे रहते हैं.
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